पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और अमित शाह समेत कई नेता मौजूद रहे।
इससे पहले उन्हें भाजपा मुख्यालय में अंतमि विदाई दी गई। यहां पति स्वराज कौशल और बेटी बांसुरी ने सुषमा को सैल्यूट किया। बेटी ने आखिरी रस्में पूरी कीं। सुषमा स्वराज का दिल का दौरा पड़ने से एम्स में निधन हो गया था।
दिल्ली और हरियाणा सरकार ने दो दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी श्रद्धांजलि देने के लिए सुषमा के आवास पर पहुंचे।
इस दौरान दोनों नेता परिवार से मिलकर भावुक हो गए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और गृह मंत्री अमित शाह ने भी सुषमा को उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी।
इनके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, बाबा रामदेव, भाजपा सांसद हेमा मालिनी, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी, दिल्ली के ले.गवर्नर अनिल बैजल, बसपा प्रमुख मायावती, कैलाश सत्यार्थी समेत कई हस्तियां पहुंचीं।
राज्यसभा में भी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी गई। सभापति नायडू ने कहा कि वे मुझे रक्षाबंधन पर याद आएंगी।अमित शाह ने कहा आज उनके जाने से बड़ी विपदा भारत के राजनीतिक क्षेत्र में आ खड़ी हुई है, जो लंबे समय तक भर नहीं पाएगी।
हम सभी अत्यंत दुख के साथ सुषमा जी को विदाई देने के लिए अपना मन तैयार कर रहे हैं। भगवान उनके परिवार को इस अघात को सहने की शक्ति दे। सुषमा जी की आत्मा को भगवान चिर शांति दें। देश उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखेगा।
मोदी ने सुषमा के निधन पर कहा- भारतीय राजनीति के एक गौरवपूर्ण अध्याय का अंत हो गया। गरीबों और समाज के लिए जीवन देने वाली अद्वितीय नेता के निधन पर पूरा भारत दुखी है।
सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की अकेली इंसान थीं। वे करोड़ों लोगों की प्रेरणा का स्रोत थीं।बीते एक साल में दिल्ली ने तीन मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और मदन लाल खुराना को खोया है। सुषमा अक्टूबर-दिसंबर 1998 के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।
पिछले ही महीने जुलाई में तीन बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित (81) का भी निधन हुआ। शीला 1998 से 2003 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। वहीं, पिछले साल अक्टूबर में मदन लाल खुराना का भी निधन हो गया। वे 1993 से 1996 तक मुख्यमंत्री रहे।