जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया। सुरक्षा के नजरिए से संवेदनशील बने जम्मू-कश्मीर में रात 12 बजे धारा-144 लागू कर दी गई। प्रशासन ने कहा कि राज्य में रैलियों पर भी रोक लगा दी गई है।
साथ ही मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। राज्य में सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे। कांग्रेस नेता उस्मान मजीद और माकपा विधायक एमवाई तारिगामी ने रात को ट्वीट किए कि उन्हें भी हिरासत में लिया जा रहा है।
उमर अब्दुल्ला ने रात 11.30 बजे ट्वीट किया मुझे लगता है कि आज आधी रात से मुझे घर में नजरबंद किया जा रहा है। मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है। इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा।
हमें नहीं मालूम कि कश्मीर के लोगों के लिए क्या किया जा रहा है। लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा। हमें शायद यह नजर नहीं आए, लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए।
सभी को शुभकामनाएं। सुरक्षित रहें और सबसे जरूरी शांति बनाए रखें।महबूबा ने रात 11.34 बजे ट्वीट किया घाटी में इंटरनेट बंद किया जा रहा है, ये रात लंबी होने वाली है। मोबाइल कवरेज समेत इंटरनेट सेवाएं बंद होने की खबरें सुनाई पड़ रही हैं।
कर्फ्यू पास भी जारी किए जा रहे हैं। ऊपरवाला ही जानता है कि कश्मीर में कल क्या होगा। मुझे लगता है कि यह एक लंबी रात होने जा रही है।अधिकारियों ने कहा कि किश्तवाड़, राजौरी और रामबन जिले के बनिहाल क्षेत्र में रात में कर्फ्यू लगाया गया।
सरकार ने एहतियात के तौर पर रविवार आधी रात से श्रीनगर समेत कई जिलों में धारा 144 लागू है। आदेश के मुताबिक, किसी भी तरह की जनसभा या रैली करने पर पूर्ण प्रतिबंध है। जम्मू, किश्तवाड़, रिसाई, डोडा और उधमपुर जिलों में स्कूल और कॉलेज सोमवार को भी बंद रहेंगे।
बनिहाल में लाउड स्पीकरों से रात के कर्फ्यू की घोषणा की गई। जम्मू विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है। कई शैक्षणिक संस्थानों ने भी अपने छात्रों को हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया है।
कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेटों को सैटेलाइट फोन दिए जा रहे हैं। श्रीनगर की सीमा पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में कुछ क्षेत्रों में दंगा नियंत्रण वाहनों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।रविवार को ही गृह मंत्री अमित शाह ने एनएसए अजीत डाेभाल के साथ दिल्ली में बैठक की थी। दूसरी ओर, श्रीनगर में फारूक के घर पर महबूबा और स्थानीय दलों के नेता जुटे थेे।
इन्होंने केंद्र सरकार की कार्रवाइयों का विरोध किया था।कश्मीर के हालात पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इस्लामाबाद में सेना के उच्च अधिकारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की।
उन्होंने कहा कि कश्मीर पर फैसले का वक्त आ गया है। इमरान ने सीमा पर हो रही कार्रवाई को लेकर यूएन से जल्द हस्तक्षेप की भी मांग की।पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यात्रियों, पर्यटकों, मजदूरों, छात्रों और क्रिकेटरों को हटाया जा रहा है।
दहशत का माहौल बनाया जा रहा है, लेकिन कश्मीरियों को राहत या सुरक्षा देने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है। कहां गई इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत?
उमर को नजरबंद किए जाने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा आप अकेले नहीं हैं उमर अब्दुल्ला। हर लोकतांत्रिक भारतीय कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं के साथ खड़ा है। क्योंकि सरकार जो चाहती है आप उसका सामना करेंगे।
संसद का सत्र अभी चल रहा है और हमारी आवाज शांत नहीं होगी।अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है? नेताओं को रातों-रात गिरफ्तार कियों किया जा रहा है। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
अगर कश्मीरी हमारे नागरिक हैं और उनके नेता हमारे सहयोगी, निश्चित रूप से आतंकियों और अलगाववादियों से लड़ते हुए मुख्यधारा के नेताओं को साथ रखा जाना चाहिए।