कर्नाटक में भारी बारिश के कारण 15 जिलों में बाढ़ के हालात बन चुके हैं। बारिश और बाढ़ संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 7 हो चुकी है। कृष्णा और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई जगहों पर रेल और सड़क का संपर्क टूट गया है।
उत्तरी कर्नाटक के कई इलाकों के राष्ट्रीय और राज्य मार्ग बाढ़ में डूब गए हैं। स्कूल और कॉलेजों में छुटि्टयां घोषित कर दी गई हैं। यहां के बाढ़ प्रभावित इलाकों से भारतीय नौसेना के जवान 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले गए।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में बाढ़ राहत कार्यों के लिए सेना ने 1 हजार सैन्य अधिकारियों को तैनात किया है।महाराष्ट्र के 8 जिलों पुणे, नासिक, सांगली, औरंगाबाद, कोल्हापुर, ठाणे, रायगढ़ और पालघर में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए मुंबई में बैठक बुलाई। कोल्हापुर से अब तक 11432, रायगढ़ से 3000 और सांगली जिले के 53000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, कटनी, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, सागर, दमोह, रायसेन, विदिशा, सीहोर, बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, धार, नीमच, मंदसौर, राजगढ़, श्योपुर, गुना और अशोकनगर जिलों में कुछ जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी दी है।
मौसम विभाग ने केरल में तट से सटे इलाकों में पश्चिम दिशा की ओर से 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया है। इस कारण मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।