एक बै एक छोरा खेत म्ह रेडियो सुणे था,
रेडियो पै एक लुगाई बताण लाग री थी,
बंबई मै बाढ़ आ गी, गुजरात मै हालण आग्या, दिल्ली म्ह..
छोरे नै देख्या पाच्छै नाका टूट्या पड़्या सै,
अर पाणी दूसरे के खेत म्ह जाण लाग रहया सै।
छोरे छोंह म्ह आकै रेड़ियो कै दो लट्ठ मारकै बोल्या,
“दूर-दूर की बताण लाग री सै,
लवै नाका टूट्या पड़या सै
यो बतांदे होए तेरा मुँह दुक्खै सै।”